2025-04-102025-04-100000http://192.9.200.215:4000/handle/123456789/335मॉनिटरिंग एक संगठित प्रक्रिया है जो किसी संस्था के कार्यक्रमों की निरंतर प्रगति को मापने और समझने में मदद करती है। यह कार्यक्रम की दिशा और उसमें आ रही बाधाओं व अवसरों की पहचान करने में सहायक होती है। इसके माध्यम से यह जाना जा सकता है कि कार्य योजना निर्धारित लक्ष्यों की ओर बढ़ रही है या नहीं। यदि समस्याएँ हैं, तो समय रहते निर्णय लेकर सुधार किया जा सकता है। इस प्रकार मॉनिटरिंग, कुशल संस्थागत प्रबंधन के लिए एक अनिवार्य उपकरण बन जाती है।संस्थागत प्रबंध प्रणालियों में मॉनेटरिंग, संस्था के कार्यकमों की प्रगति निरंतर रूप से जानने की एक कमबद्ध विधि है। इसके द्वारा कार्यकम की प्रगति और प्रगति के रास्ते में आ रही रूकावटों तथा नये अवसरों की पूरी जानकारी मिलती है। इससे यह जानने का अवसर मिलता है कि प्रगति योजना के अनुसार निश्चित उद्देश्य की तरफ है या नहीं, यदि नही तो किस प्रकार की अड़चनें, समस्यायें रूकावट पैदा कर रही है। इस जानकारी के आधार पर ही प्रबंधक समय पर सही निर्णय ले पाते है जिससे कि कार्यक्रम की प्रगति तथा दिशा ठीक रखी जा सके। इस प्रकार संस्था के कुशल प्रबंध के लिए मॉनेटरिंग एक अनिवार्य प्रक्रिया बन जाती है। मॉनिटरिंग में कार्यकम संबंधी जानकारी को मापने, रिकार्ड करने, तथा एकत्रित कर निर्णय लेने वालों तक पँहुचाने का काम किया जाता हैotherडेटा एकत्रीकरणकुशल संचालनप्रबंधन निर्णयसंस्थागत प्रबंधननिर्णय प्रक्रियाअनुश्रवण एवं मूल्यांकन - एक परिचय(Monitoring and Evaluation)Technical Report